तुम्हारे बिना ये भी तो...........

Monday, May 18, 2009 · 0 comments

*~*~*~*~*~*~* जानवर *~*~*~*~*~*~*
दिल जलेगा तो जमाने में उजाला होगा,
हुस्न जर्रों का सितारों से निराला होगा.

कौन जाने ये मुहब्बत कि सज़ा है की सिला,
हम “साहिल" पर पहुँचे तो किनारा ना मिला.
बुझ गया चाँद किसी दर्द भरे दिल की तरह,
रात का रंग अभी और भी काला होगा,
देखना रोयेगी, फरयाद करेगी दुनियाँ,
हम ना होंगे तो हमें याद करेगी दुनियाँ,
अपने जीने की अदा भी अनोखी सब से,
अपने मरने का अन्दाज भी निराला होगा...!
*~*~*~* तेरे नाम*~*~*~*~* यही तो है *~*~*

कोई तो बात है......

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*~*~*~*~*~*~* जानवर *~*~*~*~*~*~*
गमों की जमीन पर कोई “खुशी" का मचान नहीं है,
क्या हुं? कौन हुं मैं? मुझे अपनी पहचान नहीं है,
काश!!! उड़ पाता कहीं ऊँचे अपने यह पँख फ़ैला कर,
अफ़सोस!!! मेरे मुकद्दर में कहीं आसमां नहीं है,

भीड़ में रह कर भी रहा हुँ सदा तन्हा मैं,
मेरे लिये किसी भी राह में कोई कारवाँ नहीं है,
गम छुपाने की हर अदा मालुम है मुझको,
देखो मेरी हँसी में कोई भी गम का निशां नहीं है,
अब तो हर सुबह गुजरेगी ऐसे ही आपस में गले मिल कर,
अब तो कोई भी मेरे और गम के दरमियां नहीं है,
इस दुनियाँ में सभी जीते है, कुछ आरजू ले कर,
अपना दिल है पत्थर का इसका कोई अरमां नहीं है..
*~*~*~*~*~*~* तेरे नाम*~*~*~*~* यही तो है *~*~*

ये सोचना की मैं.......

Wednesday, May 13, 2009 · 1 comments

*~*~*~*~*~*~*~*~जानवर*~*~*~*~*~*~*~*~*~*
कहीं चांद रातों में खो गया, कहीं चांदनी भी भटक गई,
मैं चराग, वो भी बुझा हुआ, मेरी रात कैसे चमक गई?
मेरी दास्तान को आरजु थी, तेरी नरम पलकों की छांव में,

मेरे साथ था तुझे जागना, तेरी आँख कैसे झपक गई?
भला हम मिले भी तो क्या मिले! वही दुरियाँ, वही फासले,
ना कभी हमारे कदम बढ़े, ना कभी तुम्हारी झिझक गई.
तेरे हाथ से मेरे होंठों तक वही इंतजार की प्यास है,
मेरे नाम की जो शराब थी, कहीं रास्ते में छलक गई.
तुझे भुल जाने की कोशिशें कभी कामयाब ना हो सकी,
तेरी याद शाख-ए-गुलाब है जो हवा चली तो लचक गई.
*~*~*~*~*~*~*~*~तेरे नाम*~*~*~*~*~*~*~*~ यही तो है

कैसे भी हो.....

Tuesday, May 12, 2009 · 2 comments

*~*~*~*~*~*जानवर~*~*~*~*~*
बहारों में पतझड़ के साये है,
नजारों पर अन्धेरे से छाये है,
फुलों के दामन में कांटे है,
बागों में फैले सन्नाटे है,
कोयल की कूक अनजानी है,
हंसी की आँखों में पानी है,
खुशनुमा झोंकों में महक नहीं,
आसमां में पंछियों की चहक नहीं,
ख्यालों की कोई जंजीरे नहीं,
ख्वाबों सी कोई तकदीरें नही,
दिल की धड़कनों में सिर्फ़ आहें है,
गलत मन्जिलों पर जाती हुई राहें है,
नाकामयाब सी कई कोशिशे है,
भोलेपन में छुपी साजिशे है,
हम इस छल भरी दुनियाँ में,
जाये तो जाये कहाँ???????
*~*~*~*तेरे नाम*~*~*~*~*यही तो
है