*~*~*~*~*~*~*जानवर*~*~*~*~*~*~*रोना भी जो चाहें तो वो रोने नहीं देता,वो शख्स तो पलकें भी भिगोने नहीं देता...वो रोज रुलाता है हमें ख्वाब में आकर,सोना भी जो चाहें तो वो सोने नहीं देता.....ये किस के इशारे पर उमड़ आये है बादल,है कौन जो बारिश कभी होने नहीं देता...आता है ख्यालों में मेरे कौन ये अक्सर,जो मुझे किसी ओर का होने नहीं देता....इस डर से कि कहीं तोड़ कर आँसू ना बहायें,बच्चों को मैं मिट्टी के खिलोने नहीं देता...एक शख्स है ऐसा मेरी हस्ती में अभी तक,जो बोझ अकेले मुझे ढोने नहीं देता...मैं हुँ कि बहाता हुं तेरी याद में आँसू,और तु है कि अश्कों को पिरोने नहीं देता....वो चेहरा अजब है जिसे पाकर मैं अभी तक,खोना भी जो चाहुँ तो वो खोने नहीं देता...*~*~*~*~*तेरे नाम *~*~*~*~*यही तो है*~*~*~*