*~*~*~*~*~*~* जानवर *~*~*~*~*~*~*दिल जलेगा तो जमाने में उजाला होगा,हुस्न जर्रों का सितारों से निराला होगा.कौन जाने ये मुहब्बत कि सज़ा है की सिला,हम “साहिल" पर पहुँचे तो किनारा ना मिला.बुझ गया चाँद किसी दर्द भरे दिल की तरह,रात का रंग अभी और भी काला होगा,देखना रोयेगी, फरयाद करेगी दुनियाँ,हम ना होंगे तो हमें याद करेगी दुनियाँ,अपने जीने की अदा भी अनोखी सब से,अपने मरने का अन्दाज भी निराला होगा...!*~*~*~* तेरे नाम*~*~*~*~* यही तो है *~*~*
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