जब भी टुटेगा......

Thursday, July 23, 2009 ·

*~*~*~*~*~*~*जानवर*~*~*~*~*~*~*
रोना भी जो चाहें तो वो रोने नहीं देता,
वो शख्स तो पलकें भी भिगोने नहीं देता...
वो रोज रुलाता है हमें ख्वाब में आकर,
सोना भी जो चाहें तो वो सोने नहीं देता.....
ये किस के इशारे पर उमड़ आये है बादल,
है कौन जो बारिश कभी होने नहीं देता...
आता है ख्यालों में मेरे कौन ये अक्सर,
जो मुझे किसी ओर का होने नहीं देता....
इस डर से कि कहीं तोड़ कर आँसू ना बहायें,
बच्चों को मैं मिट्टी के खिलोने नहीं देता...
एक शख्स है ऐसा मेरी हस्ती में अभी तक,
जो बोझ अकेले मुझे ढोने नहीं देता...
मैं हुँ कि बहाता हुं तेरी याद में आँसू,
और तु है कि अश्कों को पिरोने नहीं देता....
वो चेहरा अजब है जिसे पाकर मैं अभी तक,
खोना भी जो चाहुँ तो वो खोने नहीं देता...
*~*~*~*~*तेरे नाम *~*~*~*~*यही तो है*~*~*~*

5 comments:

श्यामल सुमन said...
July 23, 2009 at 7:38 PM  

रचना अच्छी लगी।

सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com

Anonymous said...
July 23, 2009 at 8:32 PM  

Some people in life who never want to see us in pain & unfortunately we can't give them a name.
Poem says everything...

संगीता पुरी said...
July 23, 2009 at 11:16 PM  

वाह !! बहुत खूब !!

Udan Tashtari said...
July 24, 2009 at 7:54 AM  

वाह!! बेहतरीन!!

गोविन्द K. प्रजापत "काका" बानसी said...
July 24, 2009 at 3:50 PM  

बहुत-बहुत आभार आप सभी का।
@गोविन्द K.@

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