इस तरह तो किसी को........

Tuesday, July 28, 2009 ·


*~*~*~*~*~*~*जानवर*~*~*~*~*~*~*
टुटा हुआ शीशा फिर जोड़ा नहीं जाता
आँख से निकला हुआ आँसू फिर वापस नहीं आता
तुम तो कह कर भुल चुके हो सब कुछ
लेकिन मुझसे वो पल भुलाया नहीं जाता
तेरी मोहब्बत ने जंजीरे डाली है ऐसी
कि छुड़ाना भी चाहुँ तो छुड़ाया नहीं जाता
महफिल में भी मुझ को तन्हाईं नजर आती है
तेरे बिना ये दिल कहीं और लगाया नहीं जाता
मेरे दिल की दीवारों पर सिर्फ़ तेरा ही नाम लिखा है
मिटाना भी चाहुँ तो मिटाया नहीं जाता
सांस रुकने से पहले एक झलक दिखा जाना
बेवफा जिन्दगी का ऐतबार किया नहीं जाता
*~*~*~*~*तेरे नाम *~*~*~*~*यही तो है*~*~*~*


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मैं तुझे देख तो सकता हुं, मगर छु नहीं सकता,
तु झील में उतरे हुये मंजर की तरह है॥
************************************* गोविन्द K.

2 comments:

श्यामल सुमन said...
July 28, 2009 at 7:11 PM  

बेवफा जिन्दगी का एतबार किया नहीं जाता।

बहुत खूब। किसी ने कहा भी है कि-

मुहब्बत ही मुहब्बत जिन्दगी है गर कोई समझे
वर्ना जिन्दगी तो मौत के साये में पलती है

सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com

गोविन्द K. प्रजापत "काका" बानसी said...
July 28, 2009 at 7:20 PM  

@सुमन जी@
"जिन्दगी मौत के साये में ही पलती है।"

१००%>>>>>>>>>>>

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